"हथेली सामने रखना..के सब आंसू गिरें उस में..
जो रूक जायेगा होंटों पर...समझ जाना के वो हूँ मैं॥!
कभी जो चाँद कों देखो..तो तुम यूँ मुस्कुरा देना..
के फिर बादल भी आ जाये ...समझ जाना के वो हूँ मैं॥!
जो चल जाए हवा ठंडी..तो आंखें बंद कर लेना..
जो झोंका तेज़ हो सब से..समझ जाना के वो हूँ मैं॥!
जो जियादा याद आऊँ मैं..तो तुम रो लेना जी भर के..
अगर हिचकी कोई आये..समझ जाना के वो हूँ मैं॥!
अगर तुम भूलना चाहो..मुझे शायद भुला दो तुम..
मगर जब साँस आएगी ..समझ जाना के वो हूँ मैं..!!~
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on Thursday, February 07, 2008
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