तेरे नाम !!
जनाजे कों मेरे रोक कर, वो बड़े अंदाज से बोले...
गली हमने कही थी, तुम तो दुनिया छोंड़ चले !
जाम गिर पड़ता है साकी, थरथरा जाते है हाथ,
तेरी आँखे देख कर मैं नशे मे आ जाता हूं !
लिख कर जमीं पे मेरा नाम , मिटा दिया,
उनका तो खेल था, हमे खाक मे मिला दिया !
जालिम ने क्या चाल निकाली है रफ्ता - रफ्ता ,
इस चाल पर चलेंगी तलवारे रफ्ता - रफ्ता !
खूब पर्दा है की चिलमन से लगे बैठे है,
साफ छिपते भी नही, सामने आते भी नही !
मेरे पास हो कर गुजरे, मेरा हाल भी न पूछा
मै कैसे करलूं यकिन् की वो दूर जा कर रोये !
तेरा चेहरा सुबह का सूरज है, तुछसे मिलने की आस रहती है
तेरे जलवे कही भी रोशन हो, रौशनी दिल के पास रहती है !
मस्जिद मे उसने आँखे दिखा कर मारा,
जालिम की देखो शोखी, घर मे खुदा के मारा !
तुँम्हे पर्दे से मिलना है, चलो यू ही सही ,
लो हमने आँखे बंद करली, लो पर्दा हो गया !
महबूब की चाल मे जो लंगड़ापन है,
दिल लेने का ये भी एक चलन है !
दिल ने आँखो से कही, आँखो ने दिल से ,
बात चल निकली है, देखे कहाँ पहुचती है !
कोई कैसे राजे उल्फत छुपाऐँ ,
नजर मिली और कदम लंड़खड़ाऍ !