गम  

Posted by Barfani bAbA

अब तो मेरी आँखों में अश्क भी नहीं है....
पहले की बात और थी... तब ये गम था नया नया .../
 
 

तेरे ग़म  

Posted by Barfani bAbA



तेरे ग़म को जाँ की तलाश थी, तेरे जाँ-निसार चले गये

जिन्हेँ जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था वो गुनाहगार चले गये../
 
 
 

तेरी तस्वीर ..  

Posted by Barfani bAbA

जिधर देखू तेरी तस्वीर नज़र आती है.....


तेरी सूरत मेरी तकदीर नज़र आती है ........

खता  

Posted by Barfani bAbA

कुछ तो बात है तेरी फितरत में......

2013-04-05 00.09.55
वरना तुझे चाहने  कि खता.... हम बार बार ना करते…

निजात  

Posted by Barfani bAbA

मेरा मानना है की सच्ची निजात यही है की  आपको आपके गुनाह की फ़िक्र भलाई की तरफ ले जाए....


मै जानता हूँ आखिरकार भगवान् माफ़ करेगा... 

आखिरी ख्याल ..  

Posted by Barfani bAbA

अब मैंने एक बात समझी है , अब इस आखिरी ख्याल से मुझे इस बार कोई दर्द नहीं हुआ !अब समझ में आया, माफ़ कर देने की शुरुआत इसी तरह होती है | फिर से जी उठने के शोर शराबे के साथ नहीं.......


बल्कि अपनी चीजो को दर्द के साथ समेटते हुए | उसे बांधते हुए और आधी रात को अपने करीबी लोगो से चुपचाप दूर सिसकते  हुए |

तुम्हारे बिना ....  

Posted by Barfani bAbA

तुम्हारे बिना आरती का दीया यह,
ना  बुझ पा रहा है, न जल पा रहा है।