मन की बाते !  

Posted by Barfani bAbA in


काफी समय पहले एक उपन्यास पढ़ा था । नाम था शह और मात । उसकी एक कविता हमेशा याद रहती है।

"छाया मत छुना मन , होगा दुख दूना मन"


जब कभी दिल बहुंत उदास होता है, ये ही कविता मेरे दिलो - दिमाग पर छायी रहती है। नहीँ जानता इस कविता का लेखक कौन है पर ये पंक्ति मेरे को अपने जीवन का सबसे बड़ा सहारा लगती है

( चित्र : डाक्टर परज शुक्ला, मध्य प्रदेश की छत्रियाँ )

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रात भर मेह टप-टप टपकता रहा ,
बूँद-बूँद तुम याद आते रहे !
एक गीला सा ख़वाब मेरी आँखो में चलता रहा ,
काँपता रहा मैं एक सूखे पत्ते की तरह ,
तेरे आगोश की गर्मी पाने को दिल मचलता रहा ,
चाँद भी छिप गया कही बदली में जा के ,
मेरे दिल में तुझे पाने का सपना पलता रहा !
था कुछ यह गीली रात का आलम ,
कि तुम साथ थे मेरे हर पल ,
फिर भी ना जाने क्यूं तुम्हे यह दिल तलाश करता रहा !!



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कोई कुछ कह गया ।  

Posted by Barfani bAbA

- आपके होंठो से कभी मुस्कराहट ना जाये , अपकी पलकों में कभी आसूं भी ना आये ,
अपकी राह में पड़े हो कांटे जो भी , मैं हाथ रखू और आप निकल जाये ।

- मेरी जिन्दगी के एहसास हो आप , जां से भी ज्यादा खास हो आप ,
चाहे कितनी भी दूरी है हमारे बीच , पर दिल से भी ज्यादा पास हो आप ।

- नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनो चुप पर बात कर ली ,
खुशियों का मौसम कुछ इस कदर बदला ,
कि इन आँखों ने रो-रो कर बरसात कर ली .

- आप के ख्याल को दिल से कभी जुदा ना करु ,आप के बिना तो मैं सांस भी लिया ना करु ।

- खामोश पलकों से जब आंसू आते हैं , आप क्या जानों कितना याद आप आते है ।

- कभी कभी दिल उदास होता है , हल्का सा आंखो को अहसास होता है , झलकते है मेरी आखो से आंसू जब अपके 'दूर ' होने का एहसास होता है

- कितना बेबस है इन्सान किस्मत के आगे .... कितना दूर है सपना हकीकत के आगे...
कोई रुकी हुई धड़कन से पूछे ...कितना तड़पता है दिल मौहब्त के आगे।

- जिन्दगी में कुछ सपने सजा लेना , अगर वक़्त मिले तो कुछ अरमान जगा लेना !

- लिख सकती किसी कि तक़दीर अगर , आप कि तक़दीर मे हर ख़ुशी लिख देती मै ,
जो मोड़ कामयाबी दिलाये आपको , हर लकीर को उस तरफ मोड़ देती मै ।