आज हमको अपनी बेबसी का हो गया यकीं ,
दिल मे देखा उनको , और उनको दिल मे ना पा के रो दिए ।
तीर खाता हूँ, जख्म सहता हूँ
तेरी याद मे कुछ न कहता हूँ ।
तू बहार की आरजू तू उम्मीद के नजारे
मेरे दिन गुजर रहे है तेरी यादो के सहारे।
दिल वीरान है , तेरी याद है , तन्हाई है ,
ऐसा उजड़ा है चमन तेरे बाद ,
फूल मुरझाये है, कांटो पे बहार आयी है ।
कुछ और पूछिये , ये हरकत न पूछिये ,
कियो मुझको है आप से मौहबत ना पूछिये ।
मुस्कुरा कर डाल दी मुख पर नकाब ,
मिल गया जो मिलना था जवाब ।
लेके पुछुगां दो बोसे लबे रुखसार के
क्या हाल है मेरे परवर दिगार के ।
कुर्बान जाऊ आपकी इस चाल-ढाल पे
रख दूं कदम-कदम पे कलेजा निकाल के ।
खुदा जाने हुई नफरत, की रंजो - गम ने आ घेरा,
निगाहे फेर ली उसने, जनाजा देख के मेरा !
एक अदा मस्ताना सिर से पाँव तक छांई हुई
उफ़ तेरी काफिर जवानी जोश पे आई हुंई !
जनाजे कों मेरे रोक कर, वो बड़े अंदाज से बोले...
गली हमने कही थी, तुम तो दुनिया छोंड़ चले !
जाम गिर पड़ता है साकी, थरथरा जाते है हाथ,
तेरी आँखे देख कर मैं नशे मे आ जाता हूं !
लिख कर जमीं पे मेरा नाम , मिटा दिया,
उनका तो खेल था, हमे खाक मे मिला दिया !
जालिम ने क्या चाल निकाली है रफ्ता - रफ्ता ,
इस चाल पर चलेंगी तलवारे रफ्ता - रफ्ता !
खूब पर्दा है की चिलमन से लगे बैठे है,
साफ छिपते भी नही, सामने आते भी नही !
मेरे पास हो कर गुजरे, मेरा हाल भी न पूछा
मै कैसे करलूं यकिन् की वो दूर जा कर रोये !
तेरा चेहरा सुबह का सूरज है, तुछसे मिलने की आस रहती है
तेरे जलवे कही भी रोशन हो, रौशनी दिल के पास रहती है !
मस्जिद मे उसने आँखे दिखा कर मारा,
जालिम की देखो शोखी, घर मे खुदा के मारा !
तुँम्हे पर्दे से मिलना है, चलो यू ही सही ,
लो हमने आँखे बंद करली, लो पर्दा हो गया !
महबूब की चाल मे जो लंगड़ापन है,
दिल लेने का ये भी एक चलन है !
दिल ने आँखो से कही, आँखो ने दिल से ,
बात चल निकली है, देखे कहाँ पहुचती है !
कोई कैसे राजे उल्फत छुपाऐँ ,
नजर मिली और कदम लंड़खड़ाऍ !
दोस्ती अच्छी हो तो रंग लाती है,
"हथेली सामने रखना..के सब आंसू गिरें उस में..
जो रूक जायेगा होंटों पर...समझ जाना के वो हूँ मैं॥!
कभी जो चाँद कों देखो..तो तुम यूँ मुस्कुरा देना..
के फिर बादल भी आ जाये ...समझ जाना के वो हूँ मैं॥!
जो चल जाए हवा ठंडी..तो आंखें बंद कर लेना..
जो झोंका तेज़ हो सब से..समझ जाना के वो हूँ मैं॥!
जो जियादा याद आऊँ मैं..तो तुम रो लेना जी भर के..
अगर हिचकी कोई आये..समझ जाना के वो हूँ मैं॥!
अगर तुम भूलना चाहो..मुझे शायद भुला दो तुम..
मगर जब साँस आएगी ..समझ जाना के वो हूँ मैं..!!~