15
Apr
आखिरी ख्याल ..
अब मैंने एक बात समझी है , अब इस आखिरी ख्याल से मुझे इस बार कोई दर्द नहीं हुआ !अब समझ में आया, माफ़ कर देने की शुरुआत इसी तरह होती है | फिर से जी उठने के शोर शराबे के साथ नहीं.......
बल्कि अपनी चीजो को दर्द के साथ समेटते हुए | उसे बांधते हुए और आधी रात को अपने करीबी लोगो से चुपचाप दूर सिसकते हुए |
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on Monday, April 15, 2013
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