तेरे लिए
आज हमको अपनी बेबसी का हो गया यकीं ,
दिल मे देखा उनको , और उनको दिल मे ना पा के रो दिए ।
तीर खाता हूँ, जख्म सहता हूँ
तेरी याद मे कुछ न कहता हूँ ।
तू बहार की आरजू तू उम्मीद के नजारे
मेरे दिन गुजर रहे है तेरी यादो के सहारे।
दिल वीरान है , तेरी याद है , तन्हाई है ,
ऐसा उजड़ा है चमन तेरे बाद ,
फूल मुरझाये है, कांटो पे बहार आयी है ।
कुछ और पूछिये , ये हरकत न पूछिये ,
कियो मुझको है आप से मौहबत ना पूछिये ।
मुस्कुरा कर डाल दी मुख पर नकाब ,
मिल गया जो मिलना था जवाब ।
लेके पुछुगां दो बोसे लबे रुखसार के
क्या हाल है मेरे परवर दिगार के ।
कुर्बान जाऊ आपकी इस चाल-ढाल पे
रख दूं कदम-कदम पे कलेजा निकाल के ।