ख़्वाब
पलकें भी चमक उठती हैं सोते में हमारी
आंखों कों अभी ख़्वाब छुपाने नहीं आते
तकिये पे तेरे सर का वो बाल है पड़ा
है चादर में तेरे जिस्म की वो सौंधी सी खुशबु
हाथों में महकता है तेरे चहरे का एहसास
माथे पे तेरे होठों की मोहर लगी है
तू इतनी करीब है की तुझे देखूं तो कैसे
थोड़ी सी अलग हो तो तेरे चहरे को देखूं
हमने देखा उन्हें
दिन में और रात में
मास्जिदों के मिनारों ने देखा उन्हें
मन्दिरों के किवाड़ों ने देखा उन्हें
मयकदे की दरारों ने देखा उन्हें
मत पूछ के क्या हाल है, मेरा तेरे पीछे ,
तू देख के क्या रंग , तेरा मेरे आगे !
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अब ख़ुशी है ना कोई गम रुलाने वाला ,
हम ने अपना लिया हर रंग जमाने वाला !
"छाया मत छुना मन , होगा दुख दूना मन"
जब कभी दिल बहुंत उदास होता है, ये ही कविता मेरे दिलो - दिमाग पर छायी रहती है। नहीँ जानता इस कविता का लेखक कौन है पर ये पंक्ति मेरे को अपने जीवन का सबसे बड़ा सहारा लगती है
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रात भर मेह टप-टप टपकता रहा ,
बूँद-बूँद तुम याद आते रहे !
एक गीला सा ख़वाब मेरी आँखो में चलता रहा ,
काँपता रहा मैं एक सूखे पत्ते की तरह ,
तेरे आगोश की गर्मी पाने को दिल मचलता रहा ,
चाँद भी छिप गया कही बदली में जा के ,
मेरे दिल में तुझे पाने का सपना पलता रहा !
था कुछ यह गीली रात का आलम ,
कि तुम साथ थे मेरे हर पल ,
फिर भी ना जाने क्यूं तुम्हे यह दिल तलाश करता रहा !!
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- आपके होंठो से कभी मुस्कराहट ना जाये , अपकी पलकों में कभी आसूं भी ना आये ,
अपकी राह में पड़े हो कांटे जो भी , मैं हाथ रखू और आप निकल जाये ।
- मेरी जिन्दगी के एहसास हो आप , जां से भी ज्यादा खास हो आप ,
चाहे कितनी भी दूरी है हमारे बीच , पर दिल से भी ज्यादा पास हो आप ।
- नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनो चुप पर बात कर ली ,
खुशियों का मौसम कुछ इस कदर बदला ,
कि इन आँखों ने रो-रो कर बरसात कर ली .
- आप के ख्याल को दिल से कभी जुदा ना करु ,आप के बिना तो मैं सांस भी लिया ना करु ।
- खामोश पलकों से जब आंसू आते हैं , आप क्या जानों कितना याद आप आते है ।
- कभी कभी दिल उदास होता है , हल्का सा आंखो को अहसास होता है , झलकते है मेरी आखो से आंसू जब अपके 'दूर ' होने का एहसास होता है