20
Sep

कुछ नया , कुछ सुहाना , कुछ ताजगी  

Posted by Barfani bAbA

दोस्ती की अनदेखी सूरत है आप,
किसी की जिंदगी की जरुरत हो आप,
खूबसूरत तो फूल भी बहुत है ,
मगर किसी के लिए फूल से भी खूबसूरत है आप !
बनके एहसास मेरी धड़कन के पास रहते है,
तस्वीर बन के आंखों के पास रहते है,
पूछना तुम एक सवाल उनसे,
दूर हो कर क्या वो भी, हम से उदास रहते है
नाराज़ होना आपसे गलती कहलाएगी,
अगर आप हमसे नाराज़ हो, तो ये साँसे थम जाएँगी
हँसते रहना आप सदा ,
आपकी हँसी से किसी की जिंदगी संवर जायेगी !

This entry was posted on Saturday, September 20, 2008 at Saturday, September 20, 2008 . You can follow any responses to this entry through the comments feed .

10 comments

bahut achha likha hain

September 20, 2008 at 7:42 PM

ब्लॉग जगत में आपका शुभकामनायों सहित स्वागत है

September 20, 2008 at 7:43 PM

ब्‍लागजगत में आपका स्‍वागत है।

September 20, 2008 at 8:49 PM

हिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.

मेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.

हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.

शुभाशिष !

-- शास्त्री (www.Sarathi.info)

September 20, 2008 at 8:59 PM

हिन्दी में लिखना बहुत ही सम्मान की बात है. आज मनोरंजन के कार्यक्रम और विज्ञापन सबसे ज्यादा हिन्दी में ही बनते है. हिन्दी में लिखने से भविष्य में आपके लिए इन विधाओं में भी द्वार खुल सकते है.
बस यू हीं लिखते रहिये क़तरा-क़तरा

www.qatraqatra.yatishjain.com

September 20, 2008 at 10:43 PM

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

September 20, 2008 at 11:10 PM

बनके एहसास मेरी धड़कन के पास रहते है , तस्वीर बन के आंखों के पास रहते है ,
पूछना तुम एक सवाल उनसे , दूर हो कर क्या वो भी, हम से उदास रहते है ?
सुंदर रचना भावपूर्ण अभिव्यक्ति बधाई स्वागत
संग से टकराती लहरें वजूद वे खोती नहीं
हिम्मत ह्रदय में हो अगर कठिनाइयां होती नहीं
हो अगर उददेश्य कि ऊंचाईयां पाना सदा
दूसरों को साथ लेकर शिखर पर चढ़ते चलो
आपका हिन्दी ब्लॉग जगत में स्वागत है
फुर्सत निकाल कर मेरे ब्लॉग पर दस्तक दें

September 21, 2008 at 10:12 AM

दोस्ती की अनदेखी सूरत है आप,
किसी की जिंदगी की जरुरत हो आप,

बहुत सुंदर ! शुभकामनाएं !

September 21, 2008 at 11:07 AM
अनिता कुमार  

जनाब आप की पहली प्रस्तुती ही एकदम प्रभावित कर गयी। स्वागत है आप का।

September 21, 2008 at 8:59 PM

Kavita bohot utsfurt aur meethee lagee...shubhkamnayen!!

September 21, 2008 at 9:26 PM

Post a Comment